गोरखपुर। जिले के भटहट, जंगल कौड़िया, बरही, पाली, गगहा, पिपराइच और सहजनवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कायाकल्प अवार्ड मिला है । इनमें से भटहट सीएचसी ने पूरे प्रदेश में जिले का मान बढ़ाते हुए दूसरा स्थान हासिल किया है । इसके लिए भटहट सीएचसी को छह लाख रुपये मिलेंगे । इकोफ्रेंडली श्रेणी में भी सीएचसी ने एक लाख का अतिरिक्त पुरस्कार हासिल किया है । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी । उन्होंने इन सभी सीएचसी की टीम और जिला स्तरीय सहयोगियों को बधाई दी है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भटहट सीएचसी को पीएचसी श्रेणी में एक बार और सीएचसी श्रेणी में लगातार तीसरी बार कायाकल्प अवार्ड मिला है । इस बार 96.43 फीसदी अंकों के साथ सीएचसी ने प्रदेश स्तर पर रैकिंग हासिल की है । इस सीएचसी का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए भी राष्ट्रीय असेसमेंट हो चुका है और उम्मीद है कि यह पुरस्कार भी सीएचसी द्वारा हासिल किया जाएगा ।
डॉ दूबे ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा गोद ली गयी जंगल कौड़िया सीएचसी ने 86.71 फीसदी अंकों के साथ जनपद में दूसरा स्थान, जबकि बरही सीएचसी ने पहले ही प्रयास में पहली बार 83.43 फीसदी अंकों के साथ जनपद में तीसरा स्थान हासिल किया है । पिपराइच सीएचसी को लगातार चौथी बार, सहजनवां सीएचसी को लगातार तीसरी बार, जंगल कौड़िया, गगहा और पाली सीएचसी को लगातार दूसरी बार यह पुरस्कार मिला है।
इस उपलब्धि के लिए कायाकल्प अवार्ड योजना के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार, मंडलीय व जिला क्वालिटी सेल, जिला कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई, भटहट सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्वनी चौरसिया, जंगल कौड़िया सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनीष चौरसिया, बरही सीएचसी के अधीक्षक डॉ एसके मिश्रा, पाली सीएचसी के अधीक्षक डॉ सतीश सिंह, गगहा सीएचसी के अधीक्षक डॉ बृजेश बरनवाल, पिपराइच सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर और सहजनवां सीएचसी के अधीक्षक डॉ व्यास कुशवाहा और उनकी टीम बधाई की पात्र है। भटहट के अलावा सभी सीएचसी को इस बार एक एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला है।
कायाकल्प से हो रहा है बदलाव
कायाकल्प अवार्ड योजना के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कारों की ही देन है कि भटहट सीएचसी एनक्वास के प्रतिस्पर्धा में शामिल हो सकी । पूर्व में मिले पुरस्कारों के पैसे से भटहट सीएचसी में क्लिनिंग एरिया का विकास हुआ । हर्बल स्पेशल गार्डेन बनाया गया जिसकी वजह से इसे इकोफ्रेंडली पुरस्कार भी मिला । आडियो विजुअल सिस्टम लगाए गए और पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगवाया गया है । इसी प्रकार पिपराइच सीएचसी में अवार्ड के पैसे से ब्लड स्टोरेज यूनिट बनाया गया जिससे मौके पर लोगों को ब्लड मिल जा रहा है । अवार्ड के पैसे से कुर्सी, मेज, भवन की मरम्मत जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के भी काम कराए गए हैं।
581 बिंदुओं पर हुआ मूल्यांकन
जिला प्रशासनिक कार्यक्रम सहायक (क्वालिटी एश्योरेंस) विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में फरवरी 2023 में 581 बिंदुओं पर इन सीएचसी का मूल्यांकन हुआ था । अक्टूबर 2022 में कुल 12 सीएचसी को आंतरिक मूल्यांकन के लिए चुना गया था जिनमें से नौ सीएचसी पास हुईं। दिसम्बर 2022 में नौ सीएचसी का पियर मूल्यांकन (मंडल स्तरीय मूल्यांकन) हुआ और उन्हीं का बाहर से आई टीम से भी मूल्यांकन करवाया गया । सीएचसी को पुरस्कार में मिली धनराशि का 75 फीसदी सीएचसी के विकास पर, जबकि 25 फीसदी कर्मचारी कल्याण जैसे पुरस्कार, समारोह आदि में खर्च किये जाएंगे।