इम्फाल। मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद अब जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। राज्य में अब धीरे-धीरे हालात शांत हो रहे हैं। राज्य में दुकानें और बाजार फिर से खुलने लगे हैं और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गयी है। हिंसा से प्रशासन सख्त हो गया था। हालांकि किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर प्रशासन अभी भी अलर्ट है।
जानकारी के मुताबिक मणिपुर के इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई समुदाय और पहाड़ी जिलों के निवासी नागा और कुकी आदिवासियों के बीच बुधवार को हिंसक झड़प हुई थी। जिसके बाद राज्य में भड़की हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। इम्फाल घाटी में शनिवार को जनजीवन सामान्य हो गया। इंफाल शहर और अन्य जगहों पर सुबह ज्यादातर दुकानें और बाजार खुले और लोगों ने सब्जियां और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदीं। हालांकि सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 सैनिकों को राज्य में तैनात किया गया है।
राज्य में हिंसा के पीड़ित 13,000 नागरिक सुरक्षाकर्मियों की देख रेख में हैं। सभी को वर्तमान में कंपनी ऑपरेटिंग बेस और सैन्य गैरीसन के भीतर विशेष रूप से बनाए गए बोर्डिंग सुविधाओं में रह रहे हैं। वहीं, हिंसा में 100 से ज्यादा घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।