गोरखपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों राज्य के प्रथम आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए संपूर्ण विश्व ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों का अनुसरण किया। ऐसे में इस परंपरागत चिकित्सा पद्धति को एक मंच देने के लिए प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया।
योग से जुड़े हैं दुनिया के 200 देश
सीएम ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की परंपरागक्त चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर जो नई पहचान दी आज पूरी दुनिया उसका लोहा मानती है। 21 जून की तिथि विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाना उसका एक है प्रमाण है। पीएम मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ के जरिये 200 देश भारतीय योग की महान परम्परा से जुड़े।
भारत सरकार ने 2014 में ही आयुष मंत्रालय का गठन अलग से करते हुए भारत की परंपरा का चिकित्सा पद्धतियों को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करने और उसके माध्यम से प्रत्येक नागरिक के लिए आरोग्यता प्रदान करने का जो लक्ष्य तय किया था, उसी का अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार ने अपनी परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, योग यूनानी, होम्योपैथी, सिद्ध इन सभी को एक साथ जोड़ते हुए आयुष विभाग का गठन करते हुए इन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने में राष्ट्रपति का आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त होना सौभाग्य की बात है।
सभी आयुष महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम, सत्र और परीक्षा का होगा नियमन
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज व तकनीकी संस्थानों को एक सूत्र के साथ जोड़ने की दिशा में उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी कार्यरत है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से लखनऊ में ‘अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी’ का शिलान्यास हुआ। यह विश्वविद्यालय सभी मेडिकल कॉलेजों का नियमन करेगा। इसी क्रम में अब भारतीय चिकित्सा पद्धति के कालेजों को एक सूत्र में पिरोने का काम आयुष विश्वविद्यालय करेगा।
आयुष विश्वविद्यालय के नामकरण पर प्रकाश डालते हुए सीएम योगी ने बताया कि योग की समस्त विशिष्ट विधाएं, चाहे हठ योग हो, राज योग, लय योग या फिर मंत्र योग हो, जिन्हें व्यावहारिक या क्रिया योग भी कहते हैं, इसके जनक महायोगी गुरु गोरखनाथ ही माने जाते हैं। ऐसे में इस विश्वविद्यालय को उन्हें समर्पित किया गया। आयुष विश्वविद्यालय प्रदेश के 94 आयुष महाविद्यालयों में स्नातक की 7500 और परास्नातक की 525 सीटों के पाठ्यक्रम, सत्र, परीक्षा और परिणाम का नियमन करेगा।
आयुर्वेद के रसशास्त्र के जनक हैं महायोगी गोरखनाथ
सीएम योगी ने कहा योग के कई आसान नाथ योगियों के नाम पर हैं। महायोगी गोरखनाथ आयुर्वेद के रसशास्त्र के भी जनक हैं। नवनाथों व 84 सिद्धों ने खनिजों के रस से जिस आपातकालीन दवाओं का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में किया, उसके प्रणेता गुरु गोरखनाथ ही हैं।
विकास को नया आयाम देगा आयुष विश्वविद्यालय : सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह में जनता की भारी उपस्थिति यह बताती है कि सात सालों में लोक कल्याण के कार्यक्रम उनके घरों तक पहुंचे हैं। अब यह विश्वविद्यालय विकास को एक नया आयाम देगा। यह आयुष क्षेत्र की उत्कृष्टता का एक नया कदम होगा और पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप आयुष को वैश्विक मंच पर सम्मानजनक स्थान दिलाने में अपनी उपयोगिता साबित करेगा।