नई दिल्ली । लगातार बढ़ता प्रदूषण से हमारी आंखों पर भी असर पड़ता है। स्मॉग से कई लोग आंखों में जलन, पानी और खुजली की शिकायत कर रहे हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि प्रदूषण के छोटे-छोटे कण आंखों को भी इरिटेट करते हैं। वहीं ज़रूरत से ज़्यादा लैप्टॉप, मोबाइल, टीवी का उपयोग आपकी आंखों को प्रभावित करता है। इससे आखों में जलन, खुजली, दर्द, थकावट और सिर की शिकायत होने लगती है। आजकल वर्क फ्रॉम होम की वजह से हम सभी का काम बढ़ गया है।
लगातार स्क्रीन पर देखने से ड्राई आइज़ की समस्या बेहद आम हो गई है। जिस तरह हमारे शरीर को आराम की ज़रूरत होती है, उसी तरह आंखों को भी आराम की ज़रूरत होती है।नेत्र विशेषज्ञों की मानें, तो आंखों में एलर्जी और इससे संबंधित अन्य समस्याओं का प्रमुख कारण हवा में धूल और धुआं की मात्रा अधिक होना है। बढ़ते प्रदूषण के कारण आंखों में सूखापन और नेत्र संबंधी एलर्जी की घटनाएं बढ़ रही हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारी आंखें हमारे स्वास्थ्य का द्वार होती हैं और हम जो कुछ भी अनुभव करते हैं उसका लगभग 80% हमारी दृष्टि के माध्यम से होता है। चूंकि यह एक संवेदनशील अंग है जिसमें पर्यावरण का संपर्क अन्य अंगों की तुलना आसानी सो हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, हवा में पैदा होने वाले दूषित पदार्थ आंखों में गंभीर जलन से लेकर लगातार बेचैनी तक पैदा करते हैं