नई दिल्ली । मानव शरीर एक कमाल की चीज है, खासकर जब गर्भावस्था की बात आती है। और प्रेग्नेंसी के साथ आते हैं बड़े बदलाव। बढ़ते बच्चे को सहारा देने के लिए एक गर्भवती मां के हृदय को रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। एक स्वस्थ दिल इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वो इस अतिरिक्त कार्यभार को संभालने सके। हालांकि, कई बार प्रेग्नेंसी मे दिल से जुड़ी दिक्कतें सामने आने लगती हैं जिनके बारे में गर्भवती महिला को पता भी नहीं होता। दिल्ली के अपोलो क्रेडल एंड चिलड्रन्स अस्पताल में अब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनकोलॉजी कंसलटेंट डॉ. सीमा शर्मा ने इस बारे अहम जानकारी देते हुए बताया, “एक गर्भवती महिला का हृदय गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के दौरान और भी अधिक तनाव से गुज़रता है। कम उम्र में बच्चा होने या जुड़वां बच्चे होने से, वज़न बढ़ने आदि से हृदय संबंधी समस्याओं का ख़तरा बढ़ जाता है। इन जटिलताओं को कम करने के लिए स्वस्थ भोजन करना और हल्का व्यायाम करना ज़रूरी है।
कैसी होनी चाहिए डाइट?
1) अपने आहार में सभी रंग के फल और सब्ज़ियों को शामिल करें, जिससे ज़रूरी पोषण शरीर को मिलेगा
2) डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा फलों और सब्ज़ियों को शामिल करने से हृदय रोग और स्ट्रोक को रोकने में मदद मिल सकती है। हर दिन कम से कम 2 एंड 1/2 सर्विंग सब्ज़ियां और 2 सर्विंग फल खाएं। अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो आम, चीकू आदि जैसे मीठे फलों को खाने से बचें और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन बढ़ा दें।
3) ऐसी चीज़ें खाएं जिसमें फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, इससे हृदय रोग, स्ट्रोक को रोकने में मदद मिल सकती है। यह आपके रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। जिन खाद्य पदार्थों में बहुत अधिक फाइबर होता है उनमें सब्जियां, फल, बीन्स, नट्स, दलिया और साबुत अनाज की ब्रेड और अनाज शामिल हैं।
4) चिकन, मछली, अंडे, बीन्स, नट्स, और सोया जैसे प्रोटीन से भरपूर उत्पादों को डाइट में शामिल करें। रेड मीट में भी प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा होती है, लेकिन इसमें फैट भी होता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।