नई दिल्ली। सरकार ने बिक्री से पहले मोबाइल फोन के आइएमईआइ नंबर का भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल पर एक जनवरी 2023 से पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। दूरसंचार विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, स्थानीय स्तर पर निर्मित या आयातित सभी मोबाइल के लिए यह पंजीकरण अनिवार्य होगा और आइसीडीआर पोर्टल से इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट नंबर (आइएमईआइ) प्रमाणपत्र लेना होगा। आइएमईआइ एक 15 डिजिट का नंबर है जो किसी भी डिवाइस की यूनीक आइडी भी होता है। दूरसंचार विभाग के मुताबिक, यह पंजीकरण निर्माता या आयातक को कराना होगा। इस नियम से देश में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोन में एक वैध आइएमईआइ नंबर होगा, जिससे उस मोबाइल को डिजिटल तरीके से ट्रैक किया जा सकेगा। नए नियमों से उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल फोन के गुम होने या चोरी होने पर ब्लाक करने में मदद मिलेगी, जिससे उनका दुरुपयोग रुकेगा। इस कदम से देश में मोबाइल फोन की कालाबाजारी पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है।जून 2020 में मेरठ पुलिस की जांच में सामने आया था कि स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के 13,500 मोबाइल फोन एक ही आइएमईआइ नंबर पर चल रहे थे। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। आइएमईआइ नंबर का इस्तेमाल अपराधियों को ट्रैक करने में भी होता है। सामान्य तौर पर अपराधी सिम कार्ड को बदल देते हैं या उसे नष्ट कर देते हैं। लेकिन आइएमईआइ नंबर को आसानी से नहीं बदला जा सकता है। ऐसे में जांच एजेंसियां आइएमईआइ नंबर के जरिये अपराधियों तक पहुंच जाती हैं। कोई भी उपभोक्ता अपने मोबाइल का आइएमईआइ नंबर चेक कर सकता है। इसके लिए उपभोक्ता को अपने मोबाइल पर *#06# नंबर डायल करना होगा। यह नंबर डायल करते ही मोबाइल फोन का आइएमईआइ नंबर स्क्रीन पर आ जाएगा। नया मोबाइल खरीदते समय आइएमईआइ नंबर की जांच अवश्य करें। दो सिम वाले मोबाइल फोन में दो आइएमईआइ नंबर होते हैं। सरकार ने आयातित मोबाइल फोन के लिए आइसीडीआर से आइएमईआइ प्रमाणपत्र लेने की व्यवस्था एक जनवरी 2020 से लागू कर रखी है। अभी इस पोर्टल के माध्यम से आइएमईआइ प्रमाणपत्र लेने के लिए कोई शुल्क नहीं है। फोन गुम होने पर शिकायत कर सकते हैं उपभोक्ता चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लाक करने के लिए सरकार ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआइआर) पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति अपने चोरी या गुम हुए मोबाइल को ब्लाक करने के लिए रिपोर्ट दर्ज कर सकता है।