बिहार में विधानसभा चुनाव 2020 से पहले सभी दलों में टूटफूट जारी है। इसी बीच राजद के निष्काषित तीन विधायकों ने गुरुवार को जदयू का दामन थाम लिया। जदयू कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बीजेन्द्र यादव और मंत्री श्रवण कुमार ने तीनों विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
जदयू में शामिल होकर तीनों विधायक चंद्रिका राय, फराज फातमी और जयवर्धन यादव ने खुशी का इजहार किया। संकल्प लिया कि इस बार जदयू को चुनाव में और मजबूत बनाना है साथ ही सीएम नीतीश कुमार को फिर से बिहार का सीएम बनाना है।वहीं पार्टी विरोधी गतिविधियों के नाम पर पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित राजद के तीन विधायकों में से एक फराज फातमी ने जदयू में शामिल होने की अटकलों के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर राजद पर जोरदार हमला बोला। फातमी ने राजद पर रुपये लेकर टिकट बेचने का भी आरोप लगाया।वीडियो जारी कर दरभंगा के विधायक फराज फातमी ने कहा कि – प्रेस कांफ्रेस कर छह साल के लिए मुझे पार्टी ने निकाला गया। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष ने जब पार्टी सदस्य ही नहीं माना तो निकालने का मतलब ही क्या है? किस आधार पर पार्टी से निकाल रहा आरजेडी। कहा कि अब्बा को 30 साल तक पार्टी की खिदमत की लेकिन पैसे के कारण टिकट किसी और उम्मीदवार को दे दिया गया। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि मुस्लिम नेताओं को एक षड़यंत्र के तहत शोषण कर रही है पार्टी। दूसरे दलों से राजद में आने वालों की संख्या अभी अधिक है, लेकिन जाने वालों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तो राजद में आने की शुरुआत पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कर दी, लेकिन इसके पहले भी लोकसभा चुनाव के बाद से ही कई बड़े नेताओं ने दल-बदल शुरू कर दिया था। राजद के बड़े नेता में शुमार पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी टिकट से वंचित किए जाने के कारण लोकसभा चुनाव के दौरान ही राजद छोड़कर जदयू में चले गए थे। अब उनके पुत्र व केवटी के विधायक फराज फातमी का नाम भी राजद छोड़ने वालों की सूची में लिया जा रहा है। उम्मीद थी कि सोमवार को वह जदयू ज्वाइन कर लेंगे। मगर उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की।