काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बम ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस पर अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है. अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए हैं. काबुल ब्लास्ट में एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों समेत अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि हम हमला करने वाले आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा.
अमेरिका ने अफगान-पाक सीमा पर की बमबारी
काबुल ब्लास्ट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खोरासान ने ली थी. अमेरिका ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत में ये बमबारी की है. बताया जा रहा है कि इन हमलों में काबुल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड मारा गया है. काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिका पर भारी दबाव था. काबुल हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि जो भी इन हमलों में शामिल हैं, हम उनको छोड़ेंगे नहीं.
काबुल धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की हुई मौत
गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर एक के बाद एक कई सीरियल धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 90 लोग अफगान नागरिक हैं. वहीं डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक धमाकों में अमेरिका के 13 सैनिकों की भी मौत हुई है. व्हाइट हाउस ने कहा कि हमलों में मारे गए सैनिकों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा.
काबुल हवाई अड्डे पर जमा हैं लोग
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं. काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी. इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जतायी गई थी.