वाशिंगटन । अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत आईएसआईएस-के) के खतरे के कारण अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की प्रक्रिया के ‘पीछे खिसक जाने के बावजूद कहा कि वह लोगों की निकासी का अपना अभियान 31 अगस्त तक ही पूरा करेगा। अमेरिका और तालिबान ने युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की निकासी के लिए 31 अगस्त की समयसीमा तय की है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘खतरा अभी बना हुआ है। हमारे सैनिक अब भी खतरे में हैं। यह अभियान का सबसे खतरनाक हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘यह अभियान का प्रतिगामी दौर है। जब जमीन पर मौजूद सैन्य कमांडरों और सेनाओं ने न केवल सैनिकों को बल्कि उपकरणों को स्वदेश ले जाना शुरू किया।
यह अकसर किसी भी मिशन का सबसे खतरनाक हिस्सा होता है, लेकिन इस मामले में आईएसआईएस-के के खतरे के बावजूद वे ऐसा कर रहे हैं। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को काबुल हवाईअड्डे पर दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने हमला कर दिया था, जिसमें अमेरिका के 13 सैनिकों समेत 100 से अधिक लोग मारे गए।
अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस-के ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। साकी ने कहा कि सेना ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मिशन को जारी रखने, लोगों की जान बचाने, आने वाले दिनों में देश से और लोगों को बाहर निकालने तथा 31 अगस्त तक अपना अभियान पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका ने काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 14 अगस्त के बाद से अब तक तकरीबन 1,09,200 लोगों को सुरक्षित निकाला है। उसने यह भी बताया कि अमेरिका ने शुक्रवार को 12 घंटों में करीब 4,200 लोगों को बाहर निकला।