पटना । महापर्व छठ गुरुवार को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया। भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में नदी घाटों व तालाबों-जलाशयों पर लोग पौ फटने के पहले से ही जुटने लगे थे। बड़ी संख्या में व्रती सांध्यकालीन अर्घ्य ) के बाद घाटों पर ही रात भर रुके रहे। वे सुबह में अर्घ्य देने के बाद ही वापस घर गए। पूजा के दौरान सुरक्षा, सुविधा व कानून-व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। किसी दुर्घटना की स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ की टीमें भी लगाई गईं थीे।लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया।
गुरुवार की सुबह जैसे ही पूरब दिशा में सूरज की लालिमा दिखाई दी, गंगा के विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों का अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। राजधानी के 96 घाटों पर सुबह 4:00 बजे से ही लोगों को आना शुरू हो गया था। छठ व्रतियों के साथ-साथ काफी संख्या में उनके स्वजन विभिन्न वाहनों से नदी किनारे पहुंच रहे थे। पटना के दीघा घाट, जनार्दन घाट, पार्टी पुल घाट, पहलवान घाट, एलसीटी घाट ,कंगन घाट सहित तमाम घाटों सहित पूरे बिहार में आज सुबह लाखों छठ व्रतियों ने उगते हुए सूरज को अर्घ्य प्रदान किया। घाटों पर अर्घ्य देने के साथ ही हवन भी किया गया, जिससे नदी तट पर सुगंधित वातावरण बन गया। छठी माई के गीतों से घाट गूंजायमान रहे। काफी संख्या में छठ व्रतियों ने नदी किनारे बने प्राचीन मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की। अर्घ्य व पूजा-अर्चना के बाद छठव्रती अपने घर रवाना हो गए।