फ्रैंकलिन टेंपलटन के यूनिट होल्डर्स को छठी किस्त में 1 सितंबर से मिलेंगे 2918 करोड़

नई दिल्ली। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड की छह बंद योजनाओं के यूनिटधारकों को एक सितंबर से 2,918 करोड़ रुपए की छठी किस्त का वितरण शुरू करेगी. फ्रैंकलिन टेंपलटन के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि इसके बाद इन बंद योजनाओं के निवेशकों को कुल भुगतान 23,999 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा, जो 23 अप्रैल, 2020 को प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (असेट अंडर मैनेजमेंट) के 95.18 फीसदी के बराबर होगा. उसी दिन फ्रैंकलिन ने अपनी इन योजनाओं को बंद करने की घोषणा की थी.

फरवरी में इन योजनाओं के निवेशकों को पहले चरण के तहत 9,122 करोड़ रुपए दिए गए थे. वहीं अप्रैल में उन्हें 2,962 करोड़ रुपए, मई में 2,489 करोड़ रुपए, जून में 3,205 करोड़ रुपए तथा जुलाई में 3,303 करोड़ रुपए का वितरण किया गया. प्रवक्ता ने कहा कि एसबीआई एमएफ सभी छह योजनाओं के यूनिटधारकों को अगली किस्त के तहत 2,918.5 करोड़ रुपए का वितरण करेगी. प्रवक्ता ने कहा कि केवाईसी अनुपालन वाले निवेशक खातों में छठी किस्त का वितरण एक सितंबर, 2021 से शुरू होगा.

जुलाई में कंपनी ने 3,303 करोड़ रुपए की पांचवीं किस्त का भुगतान किया था. फरवरी में पहली किस्त के तहत निवेशकों को 9,122 करोड़ रुपए का वितरण किया गया था. उसके बाद 12 अप्रैल के सप्ताह में दूसरी किस्त के तहत निवेशकों को 2,962 करोड़ रुपए, तीन मई को तीसरी किस्त में 2,489 करोड़ रुपए और सात जून के सप्ताह में चौथी किस्त के अंतर्गत 3,205 करोड़ रुपए का वितरण किया गया था.

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि यूनिटधारकों को यह भुगतान एनएवी पर उनकी यूनिट के अनुपात में किया जाएगा. एसबीआई एमएफ द्वारा यह भुगतान सभी पात्र यूनिटधारकों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाएगा. उच्चतम न्यायालय ने एसबीआई एमएफ को इन योजनाओं के लिए परिसमापक नियुक्त किया था.

सेबी ने फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) को दो साल तक कोई नई डेट स्कीम लाने पर रोक लगा दी थी. दरअसल कंपनी की ओर से 23 अप्रैल 2020 को करीब 26,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों वाली 6 डेट स्कीम्स को बंद कर दिया था. फ्रैंकलिन टेंपलटन ने पैसों की कमी को इसकी वजह बताई थी.

हालांकि सेबी का मानना है कि कंपनी की ओर से डेट स्कीम में ये गंभीर चूक हुई है जो नियमों के खिलाफ है. इसलिए फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट को 2020 के दौरान ली गई मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस को 12 परसेंट ब्याज के साथ वापस करने के निर्देश दिए, जिसकी कुल वैल्यू 512 करोड़ रुपए है.

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