रांची। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। सदन में विश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद मत विभाजन में हेमंत सोरेन सरकार के पक्ष में 48 मत मिले जबकि विपक्ष में कोई मत नहीं प्राप्त हुआ। 82 सदस्यीय झारखंड विधान विधान सभा में बहुमत के लिए 42 विधायकों की आवश्यकता होती है और हेमंत सरकार ने 48 मत हासिल कर सदन में अपनी मजबूती दिखाई। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने सदन में हेमंत सोरेन सरकार के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 मत और विपक्ष में शून्य मत मिलने की घोषणा की। भाजपा विधायकों ने मतदान के समय सदन का बहिर्गमन किया। इससे पहले विश्वास मत प्रस्ताव पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार 1932 खतियान के आधार पर स्थानीयता निर्धारित करने पर जल्द फैसला लेगी। करीब डेढ़ घंटे तक चली बहस के बाद मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने बीजेपी और केंद्रीय की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। अंत में विश्वास मत के पक्ष में 48 वोट सदस्यों ने मतदान किया। जबकि विपक्षी विधायकों ने बहस में जरूर हिस्सा लिया लेकिन मतदान का बहिष्कार किया।कैश कांड में गिरफ्तार कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी नमन विक्सल कों गाड़ी और राजेश कच्छप विधानसभा नहीं पहुंचे। जबकि भाजपा के 26 आजसू पार्टी के दो ,और दो निर्दलीय विधायकों ने वोटिंग का बहिष्कार किया। विश्वास मत के पक्ष में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 29 विधायक मतदान किया जबकि जेएमएम के रविंद्र नाथ महतो स्पीकर है ,इस कारण उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा कांग्रेस के 18 में से 15 ,राजद के एक ,भाकपा माले के एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक और एक मनोनीत विधायक ने मुख्यमंत्री के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इस तरह से विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 और विरोध में शून्य मत पड़े। सभी विपक्षी सदस्यों ने मतदान का बहिष्कार किया वोटिंग होने के पहले ही सदन से बाहर चले गए।